बवासीर के घरेलू उपचार : जड़ से खत्म करें, 10+ रामबाण आयुर्वेदिक इलाज

बवासीर के प्रकार (Piles (Hemorrhoids) Types

बवासीर के घरेलू उपचार : मलाशय के आसपास की नसों में सूजन के कारण बवासीर विकसित होता है। बवासीर दो प्रकार की होती है, खूनी बवासीर और व्रणयुक्त बवसीर। बवासीर में मस्से लाल और खून वाले होते हैं, जबकि बाद की बवासीर में मस्से काले और खुजलीदार, दर्दनाक और सूजे हुए होते हैं। ,बवासी बहुत कष्टदायक होता है। इसकी वजह है लंबे समय तक कुर्सी पर बैठे रहना और बिना किसी शेड्यूल के खाना खाना। यहां हम आपको उन घरेलू उपायों के बारे में बता रहे हैं, जो बवासीर से राहत दिला सकते हैं।

बवासीर के घरेलू उपचार

खूनी बवासीर

बादी बवासीर.

बवासीर होने के कारण (Piles or Hemorrhoids Causes)

Image from unsplash
  • लोग अपने रोजगार के लिए घंटों खड़े रहते हैं, जैसे बस कंडक्टर, ट्रैफिक पुलिस आदि। साथ ही जिन लोगों को भारी वजन उठाना पड़ता है। इन्हें बवासी से पीड़ित होने की संभावना अधिक होती है।
  • कब्ज भी बवासीर का कारण होता है। कब्ज में मल शुष्क और सख्त होता है, जिससे व्यक्ति को मल त्याग करने में कठिनाई होती है। काफी देर तक उकड़ू होकर बैठना पड़ता है। इसी वजह से वहां की रक्त वाहिकाओं पर दबाव पड़ता है और वह लटक जाती है, जिसे मस्से कहते हैं।
  • अधिक तला-भुना और मिर्च-मसाले वाला भोजन करना।
  • ठीक से शौच नहीं कर पाना।
  • फाइबर युक्त भोजन न करने के कारण।
  • प्रसव के दौरान गुदा क्षेत्र पर दबाव पड़ने से महिलाओं में बवासीर होने का खतरा रहता है।
  • आलस्य या कम शारीरिक गतिविधि।
  • धूम्रपान और शराब का सेवन।
  • डिप्रेशन

चेहरे पर रौनक लाएं 15 उपाय 

बवासीर होने के लक्षण (Piles or Hemorrhoids Symptoms)

यदि बवासी गंभीर अवस्था में नहीं पहुंचा हो तो 7-10 दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है, रोग बढ़ने पर ये लक्षण देखे जा सकते हैं –

  • गुदा के चारों ओर एक सख्त गांठ का अहसास होता है। दर्द होता है और खून भी आ सकता है।
  • शौच के बाद भी पेट खाली नहीं होना।
  • शौच के दौरान जलन के साथ चमकीला लाल रक्त निकलना।
  • शौच के दौरान अत्यधिक दर्द।
  • गुदा के आसपास खुजली, लालिमा और सूजन।
  • शौच के समय बलगम आना।
  • बार-बार मल त्याग करना, लेकिन मलत्याग करते समय मल बाहर नहीं आता।

बवासीर के घरेलू उपचार लिए नुस्खे (Home Remedy for Piles (Hemorrhoids) Treatment)

केले

1. एक पके केले को बीच से काटकर उसके दो टुकड़े कर लें, फिर उस पर कत्था छिड़क दें, उसके बाद उस केले को शाम को खुले आसमान के नीचे रख दें और सुबह शौच के बाद उस केले को खा लें. ऐसा लगातार एक हफ्ते तक करने से गंभीर से गंभीर वासीर भी खत्म हो जाती है।

मोटापे के कारण – और सावधानियां

नींबू से इलाज

2. खूनी बवासीर में एक नींबू को बीच से काटकर उसमें लगभग 4-5 ग्राम कत्था डाल दें। इन दोनों टुकड़ों को रात के समय छत पर खुला रखें। सुबह उठकर दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर इन दोनों टुकड़ों को चूसें। यह प्रयोग पांच दिन तक करें। बहुत सारे फायदे हैं।

मट्ठा से बवासीर का इलाज

3. लगभग दो लीटर मट्ठा लें और उसमें 50 ग्राम पिसा हुआ जीरा और थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाएं। पूरे दिन पानी की जगह इस मट्ठे का सेवन करें। चार से पांच दिन तक इसका इस्तेमाल करें, मस्से काफी हद तक ठीक हो जाएंगे।

पिप्पली से इलाज

4. छोटी पिप्पली को पीसकर चूर्ण बनाकर शहद के साथ लेने से भी आराम मिलता है।

निंबोरी का चूर्ण से बवासीर का इलाज

5. निंबोरी का चूर्ण 10 ग्राम नीम के छिलके के साथ सुबह बासी पानी के साथ सेवन करने से लाभ होता है। लेकिन इसके साथ ही आहार में घी का सेवन करना जरूरी है। जीरे को पीसकर मस्सों पर लगाने से भी लाभ होता है, साथ ही जीरे को भूनकर मिश्री में मिलाकर चूसने से भी लाभ होता है।

आंवले का चूर्ण से इलाज

6. बवासीर की समस्या हो तो आंवले का चूर्ण शहद के साथ सुबह-शाम सेवन करने से भी शीघ्र लाभ होता है।

7. एक चम्मच आंवले का चूर्ण शहद के साथ सुबह-शाम सेवन करने से भी बवासी में लाभ होता है।

नीम का तेल से बवासीर का इलाज

8. मस्सों पर नीम का तेल लगाकर रोजाना 4-5 बूंद पीने से बवसीर में बहुत फायदा होता है।

काले तिल से इलाज

9. एक चम्मच धुले हुए काले तिल को ताजे मक्खन के साथ लेने से भी बवसीर में खून आना बंद हो जाता है।

इलायची 

10. तवे पर 50 ग्राम बड़ी इलायची डालकर भूनते समय जला दें। इस इलायची को ठंडा होने के बाद पीस लें। इस चूर्ण को रोज सुबह खाली पेट पानी के साथ लेने से बवासीर में काफी आराम मिलता है।

हरड़ से बवासीर का इलाज

11. हरड़ को गुड़ के साथ नियमित रूप से खाने से भी बवासी में शीघ्र लाभ होता है।

ताजा मक्खन से इलाज

12. नागकेशर, मिश्री और ताजा मक्खन बराबर मात्रा में लेकर रोजाना 10 दिनों तक सेवन करने से बवसीर में बहुत लाभ होता है।

जमीकंद से बवासीर का इलाज

13. जमीकंद को बिना मसाले के देसी घी में भूनकर खा लें, शीघ्र लाभ होगा।

मूली से इलाज

14. सुबह खाली पेट मूली का नियमित सेवन करने से भी बवसीर समाप्त हो जाती है।

नींबू से आयुर्वेदिक उपचार, जानिए क्या हैं फायदे ? 100+ औषधीय गुणों से भरपूर होता है नींबू

बवासीर की समस्या हो तो ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ पिएं।

1 thought on “बवासीर के घरेलू उपचार : जड़ से खत्म करें, 10+ रामबाण आयुर्वेदिक इलाज”

  1. Pingback: तनाव से पीछा छुड़ाओ, तनाव है बड़ी बीमारी का कारण, जानें इसके लक्षण और 10+ उपाय – Health and fitness

Leave a Comment

Your email address will not be published.